Lyrics
उसे कहना, आज मैं ना कहीं का रहा
ना कहीं, ना कहीं का रहा
मेरी चोट भी एक भूल है
उसी से महकती बहार मेरी
वही जान माँगे उधार मेरी
यादों के दिए हाथों में लिए
ब उम्र ना मेरी कटे
उसे कहना...
उसे कहना कि उदास ना हो
उसे कहना...
आग नहीं कहीं, ना है धुआँ
तेरे बाद बरफ़ सा हुआ
जाने क्या खो गया, जाने क्या ना मिला
जाने किस को तरसता हुआ
मेरे शौक़ भी तो जाँबाज़ हैं
है इन्हीं से महकनी मज़ार मेरी
यही जान माँगे उधार मेरी
ये ख़्वाब हैं जो, ये खेल भी हैं
दा
उसे कहना...
उसे कहना आधी बात
आधी तन्हा, आधी साथ
कहीं होना, कहीं रहना
मेरा दर्द भी है ये, मेरी प्यास भी है ये
होंठ सूखे मेरे राख से
पागलों की तरह ये दिल हँसे
उसे कहना, तेरी याद में
उसे कहना...
श्क भी है
ये आँख में ही रहता सदा
ये मेरी तरफ़ से उसे, हाँ
उसे कहना...
उसे कहना...
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