Lyrics
तेरी कायनात, मेरे ख़ाली हाथ
और तार-तार सपने
गए ज़ख़्म जाग, मेरे सीने आग
लगी साँस-साँस तपने
तेरी कायनात, मेरे ख़ाली हाथ
और तार-तार सपने
दर्दों से चूर, ग़म का ग़ुरूर
पने
ंगारा
म्बर का बंजारा
जाने टूटा क्यूँ, मैं शीशा ना तारा
तेरी कायनात, मेरे ख़ाली हाथ
और तार-तार सपने
गए ज़ख़्म जाग, मेरे सीने आग
लगी साँस-साँस तपने
कोई उधारी है, सीने पे भारी है
पत्थर है या दिल है
केला हूँ, मैं ही तो मेला हूँ
ये कैसी महफ़िल है?
रूठे सवेरे हैं, आधे ये मेरे हैं
आधे हैं ये तेरे
तू है निगाहें में, लावा है आहों में
पर सर्द शाम घेरे
ंगारा
आँसू हैं मेरे या पिघला है पारा
जाने टूटा क्यूँ, मैं शीशा ना तारा
मेरा इम्तिहान तू जो ले रहा है
ब ना रिआयतें कर
मैंने इश्क़ सीखा, मैंने प्यार सीखा
तू चाहे नफ़रतें कर
मैंने दिल दिया है, मैंने दुख लिया है
तू सौदाई मान ले, पर
मेरा इम्तिहान तू जो ले रहा है
ब ना रिआयतें कर
ंगारा
म्बर का बंजारा
जाने टूटा क्यूँ, मैं शीशा ना तारा
मेरा इम्तिहान तू जो ले रहा है
ब ना रिआयतें कर
मैंने इश्क़ सीखा, मैंने प्यार सीखा
तू चाहे नफ़रतें कर
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